The Basic Principles Of Aise Kyun Lyrics in Hindi

सजें न मस्जिद और नमाज़ी कहता है अल्लाताला,

द्रोणकलश जिसको कहते थे, आज वही मधुघट आला,

चित्रपटी पर नाच रही है एक मनोहर मधुशाला।।४२।

श्रम, संकट, संताप, सभी तुम भूला करते पी हाला,

हिम श्रेणी अंगूर लता-सी फैली, हिम जल है हाला,

स्वतंत्रता है तृषित कालिका बलिवेदी है मधुशाला।।४५।

हाथ पकड़ लज्जित साकी को पास नहीं जिसने खींचा,

हर मधुऋतु में अमराई में जग उठती है मधुशाला।।३४।

छक जिसको मतवाली कोयल कूक रही डाली डाली

रहें मुबारक पीनेवाले, navigate here खुली रहे यह मधुशाला।।२०।

दिन को होली, रात दिवाली, रोज़ मनाती मधुशाला।।२६।

भर लो, भर लो, भर लो इसमें, यौवन मधुरस की हाला,

आज सजीव बना लो, प्रेयसी, अपने अधरों का प्याला,

दुनियावालों, किन्तु, किसी website दिन आ मदिरालय में देखो,

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